स्थायी बंदोबस्त क्या है | What Is Permanent Settlement In Hindi: अंग्रेजों के आगमन से पहले भारत में जो भूमि व्यवस्था कायम थी उसे अंग्रेजों ने बहाल रखा परंतु 1765 ईस्वी में अंग्रेजों को बंगाल बिहार उड़ीसा की दीवानी मिलने पर इस व्यवस्था में आंशिक बदलाव की गई जिसके तहत करो की दर में अत्यधिक वृद्धि की गई इसका मुख्य कारण अंग्रेजों के राजनीतिक आर्थिक व प्रशासनिक हित थे.
स्थायी बंदोबस्त क्या है | What Is Permanent Settlement In Hindi
permanent settlement features meaning conclusion sthai bandobast kya hai: घर वृद्धि के कारण 1771 तक आते-आते किसानों पर करो का बहुत अत्यधिक बढ़ गया तथा किसानों का आर्थिक शोषण अपने चरम पर था परिणाम स्वरूप कृषि व्यवस्था ठप पड़ गई तथा अंग्रेज भी अपना संपूर्ण ध्यान कर व्यवस्था पर देने के कारण व्यापारी को प्रशासनिक क्षेत्र में असफल हो रही थी.अतः कर व्यवस्था में सुधार हेतु 1772 में इजारेदारी प्रथा प्रारंभ की गई जिसके तहत वारेन हेस्टिंग्स ने कर वसूलने का ठेका अस्थाई रूप से बोली लगा कर देना प्रारंभ कर दिया जिसमें ठेकेदार को 5 वर्ष में लगान के रूप में एक निश्चित राशि अदा करनी पड़ती थी परंतु इस व्यवस्था में सफलता न देखकर लगान की अवधि 5 वर्ष से 1 वर्ष कर दी.
1786 में लॉर्ड कार्नवालिस भारत का गवर्नर बनकर भारत आया जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा व्यवस्था में सुधार करने का दायित्व सौंपा गया.
परंतु कंपनी के सदस्यों में जिनमें चार्ल्स ग्रांट जॉन शोर गंडास के बीच कर व्यवस्था को लेकर मतभेद थे अंत में सभी ने मिलकर स्थाई बंदोबस्त को लागू करने का निर्णय लिया. स्थाई बंदोबस्त को सर्वप्रथम बिहार बंगाल उड़ीसा उत्तरी कर्नाटक का यूपी बनारस आदि क्षेत्रों में लागू किया गया.
लॉर्ड कार्नवालिस चार्ल्स ग्रांट तथा जॉन शोर की सहमति से 1790 में इन क्षेत्रों में 10 वर्षों के लिए स्थाई बंदोबस्त की प्रणाली लागू की गई जिसे 1793 ईस्वी में स्थाई कर दिया गया. इस व्यवस्था को लागू करने से पहले कार्नवालिस के समक्ष कुछ समस्याएं.
जैसे स्थाई बंदोबस्त समझौता किसके साथ किया जाए दूसरा लगान कितना निर्धारित किया जाए तीसरी समस्या थी स्थाई बंदोबस्त की अवधि कितनी हो इन सब समस्याओं का समाधान करते हुए स्थाई बंदोबस्त को लागू किया गया.
स्थायी बंदोबस्त की विशेषताएं
- किसानों को भूमिहीन कर जमीदारों को स्थाई रूप से भूमि प्रदान की गई जब तक कि वे नियमित रूप से कर्ज अदा करेंगे
- जमीदारों को जमीन संबंधी पैतृक व हस्तांतरण संबंधी अधिकार दिए गए
- जमीदार अपनी जमीन का वसीयतनामा भी कर सकते थे
- इस व्यवस्था में अंग्रेजों का किसानों से प्रत्यक्ष संबंध नहीं था
- इसमें कर का दसवां भाग अंग्रेजों को तथा 11 वां भाग जमीदार रखते थे
- स्थायी बंदोबस्त के तहत कर समय पर न जमा होने पर जमीदारी की नीलामी होती थी
- यह 10 वर्ष के लिए लागू की गई थी
स्थायी बंदोबस्त के उद्देश्य
- ईस्ट इंडिया कंपनी के कर राजस्व में वृद्धि करना
- इंग्लैंड की तरह भारत में एक ऐसा वर्ग तैयार करना जो अंग्रेजों का हर समय साथ दें
स्थायी बंदोबस्त के लाभ
स्थाई बंदोबस्त से पहले लाभ अंग्रेजों के राजस्व में भारी वृद्धि हुई दूसरा लाभ कैसे यह हुआ कि जमीदारों द्वारा सामाजिक आधार प्रदान हुआ स्थाई बंदोबस्त का तीसरा लाभ जमीदारों की क्षमता व साधनों में वृद्धि का होना रहा अंग्रेजों को राजस्व झंझट से मुक्ति मिली तथा कृषि में सुधार भी हुआ व्यापार उद्योग को बढ़ावा मिला और सबसे बड़ा लाभ यह रहा कि 1857 की क्रांति में अंग्रेजों का जमींदारों ने भरपूर सहयोग किया.स्थायी बंदोबस्त से हानियां
- स्थायी बंदोबस्त के कारण कृषको का शोषण अब अंग्रेजों के साथ साथ जमींदारों ने भी करना प्रारंभ कर दिया.
- स्थायी बंदोबस्त में अप्रत्यक्ष रूप से 1857 की क्रांति की पृष्ठभूमि तैयार की.
- इसके कारण किसानों के जनमानस में उपजे असंतोष ने कृषक आंदोलनों को जन्म दिया.
- स्थायी बंदोबस्त के कारण जमीदार वर्ग का उदय हुआ जिसने सामाजिक असमानता को बढ़ावा दिया सामाजिक भ्रष्टाचार का उद्भव हुआ.
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