drain of wealth theory in hindi - धन निष्कासन का सिद्धांत:- कारण एवं परिणाम : भारत में धन निष्कासन का सिलसिला आठवीं शताब्दी में मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा प्रारंभ किया गया जो 1761 में अहमदशाह अब्दाली के आक्रमण तक लगभग 1000 साल तक भारत से अपार धन संपदा लूट गई परंतु इन आक्रमणों से इतना अधिक धन का निष्कासन नहीं हुआ. dhan ki nikasi ka siddhant kisne diya
drain of wealth theory in hindi - धन निष्कासन का सिद्धांत:- कारण एवं परिणाम
drain of wealth theory in hindi: जितना ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1947 तक किया या ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1765 में बंगाल के दीवानी अधिकार प्राप्त करते ही लूट का सिलसिला प्रारंभ किया तथा 1947 तक आते-आते संपूर्ण भारत की कृषि तथा अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया भारत की पूंजी का अंग्रेजों द्वारा विभिन्न माध्यम से इंग्लैंड में किया गया स्थानांतरण धन निष्कासन कहलाता है.धन निष्कासन का सिद्धांत:-drain of wealth theory in hindi
भारत में सर्वप्रथम धन निष्कासन के बारे में पहली बार 1867 में दादा भाई नौरोजी ने दिया इनके अनुसार भारत में भारत से वसूल किया गया समस्त राजस्व भारत से बाहर चला जाता था दादा भाई नौरोजी ने धन निष्कासन का सिद्धांत अपने ग्रंथ "पावर्टी एंड ब्रिटिश रूल इन इंडिया "में दिया इस सिद्धांत की तीन मुख्य बातें:-इस सिद्धांत की पहली बात भारत से धन संपत्ति एवं माल का इंग्लैंड में हस्तांतरण होना था इसके बदले में भारत को कोई भी आर्थिक वाणिज्य भौतिक लाभ प्राप्त नहीं होता था.
धन निष्कासन का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम ब्रिटिश प्रशासनिक सैनिकों रेलवे अधिकारियों को वेतन देना आज का बजट का 10% इंग्लैंड को भेजना तथा अंग्रेज अधिकारियों व कर्मचारियों को वेतन पेंशन और ताश पत्तों का भुगतान करना यह दूसरा धन निष्कासन का प्रमुख साधन था.
दादा भाई नौरोजी की धन निष्कासन सिद्धांत की तीसरी प्रमुख पार्क धन निष्कासन भारत की निर्धनता का प्रमुख कारण का होना बताया.
दादा भाई नौरोजी ने धन निष्कासन के प्रमुख6 प्रमुख कारण बताएं जो निम्न है:-
1. भारत में विदेशी नियम और प्रशासन के कारण
2. आर्थिक विकास के लिए भारत में अंग्रेजों द्वारा किसी भी प्रकार का कोई प्रयास ना किया जाना.
3. कंपनी के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के रूप में धन का निष्कासन होना
4. कंपनी के लंदन स्थित ऑफिस व उसके कर्मचारियों पर होने वाला खर्च
5. कंपनी से संबंधित सभी प्रकार का सामान इंग्लैंड से क्रय किया जाता था
6. अंग्रेजों द्वारा सार्वजनिक निर्माण कार्य में ऋण लेते थे ऋण का भार भारतीयों पर लाद दिया जाता था꫰
धन निष्कासन के परिणाम:-
- 1939 -40 में भारत सरकार पर ब्रिटिश सरकार का बारह सौ करोड रुपए का कर्ज हो गया जो 1850 में केवल 5:30 करोड़ था.
- धन निष्कासन की दूसरे परिणाम के रूप में कर्ज बढ़ने से भारतीयों पर करो का बोझ बढ़ गया यह कार्य प्रति व्यक्ति आय का 14% से भी अधिक था ऐसे में भारतीयों का जीवन स्तर निरंतर गिरता गया.
- इस प्रकार देश में दरिद्रता बढ़ती गई और बार-बार अकाल पड़ने लगे इसमें हजारों लोग मारे गए.
- भारत की स्वतंत्र अर्थव्यवस्था औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था में बदल गई इससे संकट उत्पन्न हो गया.
- भारतीयों के मन में अंग्रेजी शासन के प्रति घृणा उत्पन्न हो गई जैसे विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय आंदोलनो का जन्म हुआ.
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