रामकृष्ण परमहंस कौन थे | ramakrishna paramahamsa in hindi: रामकृष्ण परमहंस का जन्म 1836 में बंगाल के हुगली में हुआ इन के बचपन का नाम गदाधर चट्टोपाध्याय था शुरू में शिक्षा में रुचि ना होने के कारण 17 वर्ष की आयु में कोलकाता आ गये.21 वर्ष की आयु में 5 वर्ष की कन्या से विवाह होने के कारण दक्षिणेश्वर काली मंदिर में जाकर 12 वर्षों तक विभिन्न प्रकार की साधना की.
रामकृष्ण परमहंस | 10 line on ramakrishna paramahamsa in hindi
उसके बाद 2 वर्ष तक भैरवी से तंत्र मंत्र की शिक्षा ली. 1876 में साधना द्वारा इन्हें आध्यात्मिक पूर्णता प्राप्त हुई तथा मठ की स्थापना की पढ़े लिखे ना होते हुए भी उच्च कोटि के संत थे दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते थे 16 अगस्त 1886 को क्षय रोग से मृत्यु हो गई.रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाएं
- रामकृष्ण परमहंस के अनुसार जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य ईश्वर से साक्षात्कार है.
- गृह जीवन ईश्वर प्राप्ति में बाधक नहीं है.
- शरीर और आत्मा अलग-अलग वस्तु है जैसे नारियल का पानी सूख जाने पर खोपरा व नरेटी अलग हो जाते हैं उसी प्रकार मृत्यु होने पर शरीर वह आत्मा भी अलग हो जाते हैं.
- शास्त्रार्थ का विरोध किया क्योंकि ईश्वर किसी भी प्रकार की तर्क वितर्क से परे होता है.
- मूर्ति पूजा का समर्थन किया क्योंकि वकील को देखकर अदालत याद आती है वैसे मूर्ति को देखकर ईश्वर.
- उन्होंने ईश्वर की प्राप्ति अनुभूति से संभव बताया यह मानव का अंतिम लक्ष्य है ईश्वर अनुभूति का विषय है.
- सभी मनुष्य समान है अंतर स्वभाव रंग आकार का है सभी धर्म ईश्वर तक पहुंचने के मात्र मार्ग हैं.
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