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घोड़े पर 10 लाइन 10 lines on horse in hindi

 घोड़े पर 10 लाइन 10 lines on horse in hindi- नमस्कार दोस्तों आज हम घोड़े पर कुछ अलग अलग शब्द सीमा में वाक्य लेकर आए है. आज हम घोड़े के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे.

घोड़े पर 10 लाइन 10 lines on horse in hindi

घोडा एक पालतू पशु है, जो शाकाहारी जानवर है. ये घास फूस खाकर अपना जीवन बिताता है. घोड़े का सबसे प्रिय भोजन चना होता है, जो उसे बहुत भाता है. इसके लिए वह कुछ भी कर सकता है.

घोडा एक ताकतवर जानवर है, ये अन्य पालतू पशुओ की तुलना में काफी ताकतवर होता है. ये दौड़ का सबसे तेज होता है. जिस कारण हर साल घुड़सवारी की जाती है. तथा घुड़दौड़ प्रतियोगिताए आयोजित की जाती है.

घुड़दौड़ में घोड़े अपनी जान दांव पर लगाकर विजय के लिए अपना प्रदर्शन पेश करते है. ये जानवर होने के बाद भी मानवता को समझते है. अपने मालिक के लिए हर कार्य करने को तैयार रहते है.

घोड़े के अनेक कार्य है. जिसमे वजन ढोना सवारी करवाना और प्रतियोगिताओं में भाग लेना खेतो में हल जोतना इसके प्रमुख कार्य है. जिसमे ये हमेशा व्यस्त रहता है. यही इसकी दिनचर्या होती है.

प्राचीन समय में घोडा यातायात का प्रमुख साधान हुआ करता था. पर समय के साथ आज हम घोड़ो की बजाय वाहनों में यात्रा करते है, पर कुछ लोग आज भी घोड़ो पर यात्रा करना पसंद करते है.

घोड़ो का इतिहास काफी पुराना रहा है. आज से लगभग 5000 साल पहले मनुष्य द्वारा घोड़ो को पाला जाता था. उस समय घोड़े यातयात के सबसे साधन भी हुआ करते थे.

आज लगभग दुनिया के हे देश में घोड़े पाए जाते है, जिसमे लगभग 160 से अधिक नस्लों के घोड़े पाए जाते है. जो अपने अलग अलग रंग रूप के लिए अपनी अलग पहचान बनाते है.

ये सभी नस्लों के घोड़े बहुत शक्तिशाली होते है, जो लम्बी दौड़ लगाने में माहिर होते है, घोड़े सबसे अधिक लगातर कई घंटी तक दौड़ सकते है, जो उनकी सबसे बड़ी विशेषता होती है. 

घोड़े अन्य जानवरों की तरह ही नाक से ज्यादा साँस लेते है, पर कई बार लम्बी दौड़ लगाते समय ये मुंह से भी साँस लेने में सक्षम होते है.

सभी नस्लों के घोड़ो में अरबी नस्ल के घोड़े सबसे लोकप्रिय होते है. तथा सबसे अधिक पालतू घोड़े भी अरबी ही होते है. जो बहुत सुंदर होते है. और लम्बी आयु 30 वर्ष तक जीते है.

घोड़े के अविष्कार के समय अन्य यातायात के साधन के रूप में ऊंट जैसे कई जानवर थे, पर घोडा ऐसा जानवर था, जो कम समय में तथा अकेला ही किसी भी वस्तु का आदान प्रदान करता था.

जिस कारण घोड़ो को राजाओं दवारा यातयात का साधन के रूप में अपनाया गया. और घोड़ो पर युद्ध करना भी शुरू किया गया. जो काफी बेहतर वाहन के रूप में सामने आया. जिस कारण सभी घोड़ो को अपनाने लगे.

हमारे राजस्था में पाए जाने वाले घोड़े मेवाड़ी घोड़े है, जो बहुत बुदिमान होते है. तथा शक्तिशाली भी होते है. महाराणा प्रताप का चचेतक भी मेवाड़ी नस्ल का घोडा था.

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